विद्यार्थियों ने अपराह्न 02:30 बजे विश्वविद्यालय से शांतिकुंज आश्रम की ओर प्रस्थान किया। आश्रम पहुँचकर विद्यार्थियों ने स्वागत कक्ष से अपने रुकने का स्थान सुनिश्चित किया। सभी विद्यार्थियों की रुकने की व्यवस्था श्रृंगी भवन में की गई। अपने-अपने कमरों में सामान रखने के बाद विद्यार्थीयों को एकत्रित कर शांतिकुंज के विभिन्न विभागों, स्थलों का विस्तृत परिचय करवाया गया। यह क्रम श्रीराम पुरम के स्वावलंबन केंद्र, जल शोधन यंत्र, साहित्य विस्तार स्टोर से लेकर, देव संस्कृति दिग्दर्शन, धन्वंतरि वाटिका से होते हुए देवात्मा हिमालय पर ध्यान के साथ संपन्न हुआ। इसके बाद सभी ने गायत्री माता मंदिर में आरती व चालीसा का पाठ किया।